Facts About Shodashi Revealed
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The murti, and that is also noticed by devotees as ‘Maa Kali’ presides over the temple, and stands in its sanctum sanctorum. Below, she is worshipped in her incarnation as ‘Shoroshi’, a derivation of Shodashi.
This classification highlights her benevolent and nurturing features, contrasting While using the fierce and mild-intense natured goddesses throughout the group.
Her third eye signifies increased perception, aiding devotees see past physical appearances for the essence of reality. As Tripura Sundari, she embodies like, compassion, and also the joy of existence, encouraging devotees to embrace daily life with open hearts and minds.
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं
चक्रेऽन्तर्दश-कोणकेऽति-विमले नाम्ना च रक्षा-करे ।
The Mantra, Then again, is often a sonic representation of your Goddess, encapsulating her essence by way of sacred syllables. Reciting her Mantra is considered to invoke her divine existence and bestow blessings.
संरक्षार्थमुपागताऽभिरसकृन्नित्याभिधाभिर्मुदा ।
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरी अपराध क्षमापण स्तोत्रं ॥
यामेवानेकरूपां प्रतिदिनमवनौ संश्रयन्ते विधिज्ञाः
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
Shodashi also implies sixteen and click here also the perception is the fact with the age of sixteen the Bodily human body of a individual attains perfection. Deterioration sets in immediately after sixteen yrs.